बुधवार, डिसेंबर २८, २०११

रोमांटिक चारोळ्या


या क्षणाला जर आलीस परत.
तरच कदाचीत जगेन मी,
पुढच्या क्षणाला जरी आलीस धावत,
तेव्हां या जगातच नसेन मी..

तु नसतांना कळतय मला
महत्व तुझ्या असण्याचं
आता कुठे गवसतंय मला
ध्येय माझ्या जगण्याचं

शब्दांपेक्षा सुध्दा अधिक
स्पर्श असतो बोलका म्हणे
म्हणून काही बोलण्यापेक्षा
मी मिठीतच तुला भरतो सये..

त्या मीठीची मिठास काहि और होती
जीवनात रंग भरत माझ्या चालुन
आलेली ती चांदणी रात्र होती
आज हि मिठी आणि तीचा आभास आहे
आज हि माझ्या आठवणीत ती चांदणी रात्र आहे.

क्षण क्षण जगून मी
आता भुतकाळ झालो आहे
सावळी देनारे झाड होतो
आता राख झालो आहे.

मंगळवार, डिसेंबर २७, २०११

एकरारनामा



एकरारनामा 
विक्रेता का नामा:- 
नामा :  ____________________________________  उम्र _________, लिंक ___________   ( पिता / माता / पति / पत्नी/ पुत्र / पुत्री/ पुत्रवधू का नामा_________________________________)  पता:_______________________________ जो की आगे पक्षकार क्रमांक  विक्रेता कहा गया है

क्रेता का नामा : 
 नामा : ____________________________________ उम्र _________, लिंक ___________ ( पिता / माता / पति / पत्नी/ पुत्र / पुत्री/ पुत्रवधू का नामा_________________________________)   
 पता :  _______________________________जो की आगे पक्षकार क्रमांक  / विक्रेता कहा गया है

बिक्री राशी रु: _________________, (अक्षरी: ______________________________________) प्रति एकड़ की दर/ चुकता में किया है!

सम्पप्ती  पूर्ण विवरण:

खसरा नं. ____________________, रकबा ______________________ एकड_______________ मौजा ग्राम ____________________ तहसील ___________________ जिला _______________ राज्य _________________ उत्तर_____________ दक्षिण_____________ पूर्व______________ और पश्चिम_______________ .

उपरोक्त पक्षकार गणों के मध्य आज दिनाक को निम्नालिखिता इकरार नामा निष्पादित किया गया!

१). यह कि पक्षकार क्रं. १ / विक्रेता के स्वामित्व  एवं अधिकार में उक्त जमीन है! 
 २). यह कि पक्षकार क्रं १ / विक्रेता के उक्त वर्णित जमीन को विक्री करने का सौदा पक्षकार क्रं २ से रूपये ___________________________, ( अक्षर:__________________________________ _______________________________) प्रति एकड़ कि दर से/ चुकता में तय किया गया है जिसके तहत पक्षकार क्रं २ ने पक्षकार क्रं १ को बतौर बनाया राशी रूपये __________________________(अक्षर ____________________________________________________________) जिसमे, चेक के माध्यम से ________________________एवं रूपये _______________________ नगद दे दिया है ! बाकी कि रकम रजिस्ट्री के समय दिया जायेगा ! 
 ३). यह कि पक्षकार क्रं २ / क्रेता उक्त जमीन कि रजिस्ट्री अपने या अपने द्वारा नामजद या सस्था के नाम से करवायेगा  इस पर पक्षकार क्रं १ / विक्रेता को किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं होगी ! दोनों पक्षों के मध्य यह तय हुआ है कि पक्षकार क्रं २ उक्त वर्णित जमीन कि रजिस्ट्री दिनांक ______________________ तक करवालेगा  और रजिस्ट्री के पश्चात पक्षकार क्रं २ उक्त वर्णित जमीन किसी भी प्रयोजन हेतु इस्तमाल किया जा सकता है! और किसी अन्य को विक्रेय भी किया जा सकता है! 
 ४). यह कि दोनों पक्षों के मध्य यह तय हुआ है कि मौके पर नापने के पशचात जितनी जमीन होगी उसी के हिसाब से विक्री राशी दी जायेगी!
 ५). यह कि उक्त जमीन हर प्रकार से पाक व् साफ है, उक्त जमीन के एवज में आज दिनांक ___________ तक न ही किसी व्यक्ति, समूह, फार्म, सस्था, बौंक, महाजन, वित्तीय सस्थाओं अदि से कोई ऋण लिया गया है ! उक्त जमीन किसी भी व्यक्ति, समूह, फार्म, सस्था, बौंक, महाजन, वित्तीय सस्थाओं अदि के लिए न्यायलय में जमानत लिया गया है! और न हीं बंदक रखा गया है और न हीं उक्त जमींन का सौदा पक्षकार क्रं २ के आलावा किसी अन्य से नहीं किया गया है! और न ही रजिस्ट्री से पहले अन्य किसी से भी इकरारनामा / विक्री नामा करेगा, अगर पक्षकार क्रं १ / विक्रेता अन्य किसी से भी करेगा तो अमान्य माना जाऐगा और उनकी सम्पूर्ण उत्तरदयात्व, जिम्मेदारी एवं भरपाई  पक्षकार क्रं १ की होगी !
६). यह की उपरोकता जमीन पर आज दिनांक _________________ तक किसी भी प्रकार कोई शासकीय / अशासकीय / अर्धशासकीय / नगर निगम / पंचायत / निकाय / व्यक्ति / समूह / फर्म / संस्था / बैंक / महाजन  आदि की देन दरी भी बाकी नहीं है! और न ही उपरोक्त वर्णित किसी को भी ऊजर दावा या आपत्ति नहीं होगी ! ना कोई उक्त वर्णित जमीन पर किसी भी प्रकार का कोई न्यायालीन प्रकरण लंबित है ! भविष्य में उक्त जमीन पर किसी प्रकार कोई देन दारी आज दिनांक ___________________ के पूर्व निकलती है तो उसकी सम्पूर्ण जिमेदारी और भरपाई पक्षकार क्रं १ पर होगी!
७).  यह की पक्षकार क्रं १ उपरोकत जमीन पक्षकार क्रं २ को वेचने पर पक्षकार १ की परिवार व वरिसानो को किसी भी प्रकार की उजर दावा या आपत्ति नहीं होगी और न ही भविष्य में भी होगी और भविष्य में यदि होगी भी तो अमान्य माना जायेगा !
८). यह की भविष्य में उपरोकत जमीन की रजिस्ट्री पक्षकार क्रं २ के पक्ष में होने के पूर्ण यदि दोनों पक्षकार में किसी पक्षकार या दोनों की आकस्मिक मुत्यु हो जातो है तो यह इकरार नामा उनके वारिसनो पर भी उसी प्रकार लागु होगा जैसा की वर्तमान में दोनों पक्षकार पर लागु है. 
९). यह की पक्षकार क्रं २ तय दिनांक तक बिक्री राशी ना देने पर यह इकरारनामा अमान्य होगा और पक्षकार क्रं १, बयाना राशी का २% काटकर बाकी राशी एवं बादमे दिया गया अन्य राशी १५ दिनके अन्दर पक्षकार क्रं २ को लोटायेगा और किसी भी करणवंश पक्षकार क्रं १ रजिस्ट्री करने में असहमत हो तो, पक्षकार क्रं २ को बयाना राशी एवं बादमे दिया गया अन्य राशी के साथ २०% प्रति माह के इसाब से ३० दिन के अन्दर लोटायेगा, या दोनों पक्षकार आपसमे ग्वाहोके साथ बैठकर इकरारनामा की तारिक बड़ाई जा सकती है.   
                  अत:यह इकरारनामा आज दिनांक ____________________ पुरे होश , हवास के साथ, बिना किसी दबाव, लिखकर, पड़कर, समझकर और नीचे लिखे गवाहों के समक्ष लिखा गया है और हस्ताक्षर किया गया है! सनद रहे वक्त समय पर कम आवे! 

        गवाह एवंम अंगूठे के निशान                                                          हस्ताक्षर एवंम अगुठे का निशान 
१) नाम श्रीमती / श्री : __________________________                                               
     पत्नी / पति                                                                                               पक्षकार क्रं १ ( विक्रेता )                                                                                                                                                      
२) नाम श्रीमती / श्री : ___________________________
     पुत्र / पुत्री                                                                                                    पक्षकार क्रं २ ( क्रेता )                                                                                                                                                         
 ३) नाम श्रीमती / श्री : __________________________
     पत्नी / पति 
४) नाम श्रीमती / श्री : __________________________
     पुत्र / पुत्री
५) नाम श्रीमती / श्री : _________________________
     पत्नी / पति 
६) नाम श्रीमती / श्री : _________________________
     पुत्र / पुत्री











मराठी मस्तीखोर विनोद

प्राणी संग्रहालयात आलेल्या एका माणसाला तिथल्या एका वाघाने मारले.
ते पाहून एका माकडाने विचारले: "  वाघोबा! एवढी गर्दी होती त्या गर्दी मध्ये
तुम्ही एकाच माणसाच्या मागे होतात. सगळ्यांना सोडून त्यालाच का मारलं?"

वाघ: " अरे मारू नाहीतर काय? अर्धा तास झाला माझ्याकडे बघून बोलत होता,
" एवढी मोठ्ठी मांजर! एवढी मोठ्ठी मांजर!"
"मग... माझी सटकली रे!!! क्योंकी कुछ भी करनेका......... लेकिन अपना इगो हर्ट नहीं करनेका........." :P :D

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एका माणसाला तीन
भाषा बोलणारा पोपट दिसतो.
तो त्या पोपटाची परीक्षा घ्यायचे ठरवितो,
आणि काही प्रश्न विचारतो…..

माणूस – Who are you??
पोपट – I am Parrot.
माणूस  तुम कोण हो?
पोपट  मैं तोता हु l
माणूस  तू कोण आहेस???

पोपट  तुझा बाप !,  वेळा सांगितले
तरी तुला समजत नाही का रे........ शिपुर्ड्या........????

(पोपट मक्या चा असतो... :P :P )
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एक अनोळखी कॉल

तो :- हे तुला bf आहे का ??
ती :- हो आहे ना, पण तुम्ही कोण बोलताय?
तो :-मी तुझा भाऊ बोलतोय ....वाट बघ मी घरी यायची मग पाहतो तुझ्याकडे .......:(
...
थोड्या वेळानंतर
आणखीन एक अनोळखी कॉल

तो:-हे तुला bf आहे का ?? :P
ती :-नाही नाही मला नाहीये...:x
तो:-मी तुझा bf बोलतोय...तू आज माझ हृदय तोडलीस...:(
ती :-नाही ..नाही ..नाही ..डार्लिंग माफ कर मला ....मला वाटल कि माझ्या भावाने कॉल केलाय
तो:-आता पकडली गेलीस ....मी तुझा भाऊच बोलतोय थांब आताच घरी येतो....


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मुलगा : आई, तुझा जन्म कुठे झाला ?
आई : पंढरपुरलां
मुलगा : बाबांचां?
आई : नागपुरला .
मुलगा : माझा आणि ताईचा ?आई : तुझा पुण्याला , ताईचा ठाण्याला .
मुलगा : मग आपण सगळे एकञ कसे आलो ?

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मन्या लंगडत लंगडत शाळेत ऊशीरा पोचला.

इंग्रजीचे सर ओरडले."व्हाय आर यू लेट?
"इंग्रजीत सुमार मन्या म्हणाला, "सर रस्त्यावर चिख्खल झाला होता आणि तिथे उभ्या बैलाने ढुशी मारली. माझा पाय मोडला. म्हणून ऊशीर झाला.

"सर पुन्हा ओरडले, "टॉक इन इंग्लिश!"...

हजरजबाबी मन्याने म्हटले,"सर देयर वॉज चिखलीपिकेशन ऑन रोड. काऊज हसबण्ड केम. .हि  मारिंग मी शींगडा मेड मी लंगडा. सो आय कम लेट!

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एकदा एका गावात डाकू दरोडा टाकतात आणि सर्व लोकांना मारून टाकतात.
घरी एक म्हातारी आणि म्हातारा असतात.

डाकू : म्हातारे तुझ नाव काय ?

म्हातारी : माझ नाव गंगुबाई ......

डाकू : मी तुला सोडून देतो...माझ्या आईच नाव पण गंगुबाई होत

डाकू : म्हाताऱ्या तुझ नाव काय ?

म्हातारा : माझ नाव ग्यानबा पण सगळे लाडाने गंगुबाई म्हणतात.......:D

आंतरजालावरून साभार - -मेल फॉरवर्ड - आभार - लेखक / कवी